पड़ोसी देश चीन से शुरू हुआ था कोरोना, भारत ने उससे तीन गुना बड़ा प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया, एमएसएमई-प्रवासी मजदूरों पर हो सकता है ज्यादा फोकस

- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की, इसमें पहले के सभी राहत पैकेज शामिल
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सेक्टर के हिसाब से घोषित करेंगी राहत पैकेज की राशि, 17 लाख करोड़ रुपए मिलने की संभावना
दैनिक भास्कर
May 12, 2020, 10:22 PM IST
नई दिल्ली. कोरोनावायरस के नकारात्मक आर्थिक प्रभावों से निपटने के लिए भारत ने अब तक के सबसे बड़े राहत पैकेज की घोषणा कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को देश को संबोधित करते हुए 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की। प्रधानमंत्री ने संकेत दिया कि इस प्रोत्साहन पैकेज में सभी सेक्टर्स का ख्याल रखा गया है।
दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा प्रोत्साहन पैकेज
पीएम मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि ये पैकेज भारत की जीडीपी का करीब-करीब 10 प्रतिशत है। इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी और लॉज सभी पर बल दिया गया है। कोरोना से लड़ाई में जीडीपी के हिसाब से यह दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा प्रोत्साहन पैकेज है। 10 मई तक के आंकड़ों के अनुसार, अभी तक पूरी दुनिया में सबसे बड़ा राहत पैकेज जापान ने घोषित किया है जो उसकी कुल जीडीपी के 21.1 फीसदी के बराबर है। आपको बता दें कि भारत की जीडीपी अभी 2.6 लाख करोड़ डॉलर के आसपास है और जीडीपी का 1 फीसदी हिस्सा 2 लाख करोड़ रुपए के करीब होता है।
कोरोनावायरस के जनक चीन से तीन गुना बड़ा पैकेज
कोरोनावायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई थी। कोरोना संक्रमण की जानकारी देने वाली वेबसाइट worldometers के मुताबिक चीन में इस वायरस के चपेट में अब तक 82 हजार से ज्यादा लोग आ चुके हैं, जबकि 4633 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन ने कोरोना संक्रमण के आर्थिक प्रभावों से निपटने के लिए 10 मई तक अपनी जीडीपी के मुकाबले 3.8 फीसदी के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है। 2018 में चीन की जीडीपी 13.61 लाख करोड़ डॉलर थी। भारत ने चीन से करीब तीन गुना यानी 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की है, जबकि भारत की जीडीपी कुल 2.6 लाख करोड़ डॉलर के आसपास है।
17 लाख करोड़ रुपए मिलने की उम्मीद
पीएम मोदी ने कुल 20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की है। इसमें अब तक घोषित किए गए विभिन्न राहत पैकेज भी शामिल हैं। अब तक केंद्र सरकार 1.7 लाख करोड़ रुपए का पैकेज दिया है। इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अलग-अलग चरणों में 1.5 लाख रुपए के राहत पैकेज की घोषणा कर चुका है। इस प्रकार अब तक 3.20 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि अब सरकार सभी सेक्टर्स के लिए करीब 17 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा कर सकती है।
एमएसएमई और प्रवासी मजदूरों पर हो सकता है फोकस
कोरोनावायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लगा रखा है। लॉकडाउन के कारण देश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ी हैं। इसका सबसे ज्यादा असर माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) और प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि नए प्रोत्साहन पैकेज में एमएसएमई और प्रवासी मजदूरों पर फोकस किया जा सकता है। पिछले काफी दिनों से वित्त मंत्रालय और पीएमओ के अधिकारियों के हवाले से कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसका संकेत दिया जा रहा है।
वित्त मंत्री बुधवार को करेंगी विस्तार से घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी प्रोत्साहन पैकेज की कुल राशि की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को सेक्टर के हिसाब से इस राहत पैकेज की विस्तार से जानकारी देंगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह आर्थिक पैकेज हमारे कुटीर उद्योग, लघु, मझोले उद्योग, एमएसएमई के लिए हैं, जो करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन हैं।
जीडीपी के मुकाबले देशों का प्रोत्साहन पैकेज
देश | प्रोत्साहन पैकेज (फीसदी में) |
जापान | 21.1 |
अमेरिका | 13 |
स्वीडन | 12 |
जर्मनी | 10.7 |
भारत | 10* |
फ्रांस | 9.3 |
स्पेन | 7.3 |
इटली | 5.7 |
यूके | 5 |
चीन | 3.8 |
दक्षिण कोरिया | 2.2 |
* भारत इससे पहले मार्च में 1.7 लाख करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा कर चुका है जो जीडीपी के करीब 1 फीसदी के बराबर है। – अन्य देशों ने 10 मई तक इस पैकेज की घोषणा कर दी थी।